अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हुआ है, आप इसके बारे में जितना पढ़ेंगे, रोमांचित होंगे। तो आइए आज आपको इसी रहस्यमयी अंतरिक्ष की रोमांचकारी सफर पर ले चलते हैं।

Incredible Facts About Universe in Hindi / ब्रह्मांड से संबंधित मजेदार तथ्य को पढ़ कर आप अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं, ऐसा मुझे उम्मीद है, इसलिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
- जहाँ हमारा सौर मंडल की सीमा समाप्त होती है, वहाँ से इंटरस्टेलर स्पेस शुरू होता है।
- इंटेरस्टेलर स्पेस चुंबकीय क्षेत्र से परे अंतरिक्ष है जो सूर्य से लगभग 122 एयू क्षेत्र तक फैला हुआ है।
- इन्टरस्टेलर स्पेस में दूसरे गैलक्सी के अध्ययन के लिए नासा के द्वारा एक सेटेलाइट को भेजा गया, जिसे इंटरस्टेलर प्रोब एक्सप्लोरर (आईएसपी) रोबोट नाम दिया गया है।
- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के द्वारा लॉन्च की गई पांच इंटरस्टेलर जांच प्रॉब : वोयाजर-1, वोयाजर-2, पायनियर-10, पायनियर-11 और न्यू होराइजन्स है। 2019 तक, वोयाजर-1, वायेजर-2 और पायनियर-10 ही एकमात्र जांच प्रॉब है जो वास्तव में इंटरस्टेलर स्पेस तक पहुंची है।
- अंतरिक्ष में भेजे गए दो और इंटरस्टेलर जांच प्रॉब दो ग्रहों के बीच रास्ते में है।
- इंटेरस्टेलर स्पेस चुंबकीय क्षेत्र से परे अंतरिक्ष है जो सूर्य से लगभग 122 एयू क्षेत्र तक फैला हुआ है।
- इन्टरस्टेलर स्पेस में दूसरे गैलक्सी के अध्ययन के लिए नासा के द्वारा एक सेटेलाइट को भेजा गया, जिसे इंटरस्टेलर प्रोब एक्सप्लोरर (आईएसपी) रोबोट नाम दिया गया है।
- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के द्वारा लॉन्च की गई पांच इंटरस्टेलर जांच प्रॉब : वोयाजर-1, वोयाजर-2, पायनियर-10, पायनियर-11 और न्यू होराइजन्स है। 2019 तक, वोयाजर-1, वायेजर-2 और पायनियर-10 ही एकमात्र जांच प्रॉब है जो वास्तव में इंटरस्टेलर स्पेस तक पहुंची है।
- अंतरिक्ष में भेजे गए दो और इंटरस्टेलर जांच प्रॉब दो ग्रहों के बीच रास्ते में है।
- अप्रैल 2016 में, वैज्ञानिकों ने स्टारशिप नामक छोटे, कुछ सेंटीमीटर आकार के हल्के सेल का अंतरिक्ष यान का एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट बेड़ा विकसित किया, जो पृथ्वी का निकटतम तारा अल्फा सेंटौरी की यात्रा करने में सक्षम है।
- सितारों की जन्मस्थली को EGGs(evaporating gaseous globules) कहा जाता है। ये EGGs कुछ और नहीं बल्कि सुदूर अंतरिक्ष में हाइड्रोजन गैस के संघनित क्षेत्र होते है ,जो गुरुत्वाकर्षण के कारण घनीभूत होकर सितारों मे तब्दिल हो जाते हैं।
- ब्लैक हॉल का गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक शक्तिशाली होता है कि वहाँ प्रकाश की एक किरण भी अंदर नहीं जा सकती है। अगर कोई भी एक बार ब्लैकहोल के अंदर चला गया तो फिर वह कभी भी वापस नहीं आ सकता है।
- तारों का जन्म अंतरिक्ष में निहारिका में होता है, ये निहारिकायें गैस और धूल का विशालकाय ( लम्बाई तथा चौड़ाई सैकड़ों हज़ारों प्रकाश वर्ष में ) बादल होती है। इन निहारीकाओं मे अधिकतर हाइड्रोजन, हीलियम और कुछ प्रतिशत भारी तत्व होते हैं। ऐसे ही एक तारों की नर्सरी (निहारीका) ओरीयान निहारीका(Orion Nebula) है।
- पृथ्वी का सबसे निकटतम तारा प्रोक्सिमा सेंच्युरी है। हालाकिं प्रोक्सिमा सेंच्युरी पृथ्वी के निकटतम दूसरा तारा है, पहले नंबर पर सूर्य आता है।
- 1977 ईसवीं में, 72 सेकेंड के लिए वैज्ञानिकों को एक ऐसा रहस्य्मयी सिग्नल मिला था जिसका आज तक यह नहीं पता चल सका की यह सिग्नल किसके द्वारा भेजा गया है। इस पर कुछ वैज्ञानिको का मानना है कि यह सिग्नल एलियन द्वारा भेजा गया था।
- ब्रह्मांड में मौजूद अब तक का सबसे बड़ा तारा( स्टार) U.V.scuti है। यह तारा सूर्य से भी 1700 गुणा अधिक बड़ा है।
- हमें पृथ्वी से आसमान नीला रंग का दिखाई देता है परंतु अंतरिक्ष से, अंतरिक्ष यात्रियों को आसमान काला दिखाई देता है और अंतरिक्ष से सूर्य काला दिखाई देता है।
- ब्रह्मांड में मौजूद गैलक्सी को हिंदी में आकाशगंगा के नाम से जाना जाता है, साथ ही गैलेक्सी का संस्कृत नाम मंदाकनी है, हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की-वे है।
- ब्रह्मांड के दो सबसे बड़े रहस्य डार्क एनर्जी (Dark Energy)और डार्क मैटर(Dark Matter) है।
- अंतरिक्ष में व्यक्ति की लंबाई 3 इंच तक बढ़ जाता है क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण कम हो जाता है और मनुष्य के रीढ की हड्डी पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण समाप्त हो जाता है।
- ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा जटिल चीज मनुष्य का मस्तिष्क है। इसे जितना समझों उतना ही कम है। मनुष्य के मस्तिष्क में अरबो की संख्या में न्यूरॉन्स मौजूद है। जिसे समझना बहुत ही जटिल कार्य है।
- अंतरिक्ष यात्रियों के लिए 3D पिज्जा विकसित करने के लिए NASA अभी कोशिश कर रही है।
- ब्रह्मांड में ग्रहों और तारो के बीच की दूरी इतनी अधिक होती है कि इस दूरी को किलोमीटर में नापना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस दूरी को नापने के लिए प्रकाश वर्ष का उपयोग किया जाता है।
- ब्रह्मांड के बारे में ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति ऊर्जा के एक बिंदु द्वारा हुई थी। ब्रह्मांड की उत्पत्ति को Big Bang के नाम से जाना जाता है। Big Bang की खोज दो वैज्ञानिको के द्वारा गलती से हुई थी।
- हमारी पृथ्वी से लगभग 10,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक अल्कोहल का बादल है। इस बादल में इतना ज्यादा अल्कोहल है जिससे 400 ख़राब बियर की बोतले भरी जा सकती है।
- आकाशगंगा समस्त ब्रह्मांड में फैली हुई है, अगर आप 1 मिनट में 100 तारे गिन सकते है, तो आप ब्रह्मांड की सारी आकाशगंगा को 2000 हजार साल में गिन सकते हैं। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्रह्मांड में मौजूद आकाश गंगा असीमित रूप से बड़ी है।
- किसी अंतरिक्षयान को वायुमंडल से बाहर निकालने के लिए कम से कम 6 से 7 मील प्रति सेकंड गति की आवश्यकता होती हैं।
- अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों के द्वारा पहने जाने वाले Space Suite की कीमत लगभग 120 लाख डॉलर या इससे भी अधिक कीमत की होती है।
- ब्रह्मांड प्रत्येक क्षण तेज गति से फैलता जा रहा है।
- हम ब्रह्मांड के जितने भाग को देख सकते हैं, वह समस्त ब्रह्मांड का सिर्फ 5% ही है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई है, इसलिए ब्रह्मांड की अब तक की आयु 13.7 अरब साल मानी जाती है, जो की Big Bang से लेकर वर्तमान तक का समय है।
- जिस तरह से पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती रहती है, उसी तरह से सूर्य भी सभी ग्रहों के साथ में आकाशगंगा का चक्कर लगाता रहता है। आकाशगंगा का एक चक्कर लगाने में सूर्य को लगभग 22.5 करोड़ साल का समय लगता है। वर्त्तमान में जिस स्थान पर सूर्य आकाशगंगा में मौजूद है, इस स्थान पर पहले डायनासोर का समय था। अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों का कहना है कि अंतरिक्ष में से बिल्डिंग के धुंए और गर्म धातु की तरह सुगंध आती है।
- ब्लैक होल का निर्माण विशालकाय तारों के अंदर होने वाले महाविस्फोट (सुपरनोवा) के कारण होता है।
- सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सिर्फ पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जहाँ पर जीवन संभव है। पृथ्वी के अलावा अभी तक किसी भी ग्रह पर किसी भी तरह का कोई जीवन नहीं पाया गया है।
- अंतरिक्ष में मनुष्य को पसीना नहीं आता है और ना ही मनुष्य अंतरिक्ष में रो सकता है क्योकिं अंतरिक्ष में मौजूद गुरुत्वाकर्षण पसीने और आंसुओं की बूंदो को बाहर नहीं आने देता है।
- अंतरिक्ष में सबसे पहले दूरबीन की सहायता से गैलिलीओ (Galileo) ने देखा था।
- पृथ्वी ब्रह्माण्ड का बहुत ही छोटा सा एक हिस्सा है, अगर हम इसकी तुलना सूर्य से करें, तो सूर्य के अंदर पृथ्वी जैसे 13 लाख ग्रह समा सकता है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि एक समय मंगल ग्रह भी पृथ्वी के जैसा था। वहां पर भी बड़े-बड़े समुद्र और जल धाराएं थी। परंतु, करोड़ों साल पहले हुए गुरुत्वाकर्षण हलचल के चलते इसकी मैग्नेटिक फील्ड कमजोर हो गयी। फलस्वरूप, सतह से सारा पानी भाप बन कर उड़ गया होगा या फिर सतह के भीतर ही ठंडा होकर जम गया। कमजोर हुई मैग्नेटिक फील्ड के चलते सूर्य की हानिकारक किरणों का प्रभाव सीधे सतह पर पड़ने लगी। अगर उस वक्त कोई प्रजाति मंगल ग्रह पर रही होगी तो जल के अभाव और सूर्य की हानिकारक रेडिएशन से उसी वक़्त खत्म हो गयी होगी।
- अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण कम होता है जिसकी वजह से वहाँ जाने वाले हर व्यक्ति को बहुत कमज़ोरी महसूस होती है। इस कमज़ोरी से बाहर निकलने के लिए एक यात्री को 2-3 दिन का समय लग सकते है।
- हमारे International Space Station का आकार फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है।
- अंतरिक्ष यात्री भोजन में नमक या मिर्च नहीं ले सकते हैं क्योंकि सूखे भोजन हवा में तैरने लगेंगे और इधर-उधर टकराने से उनकी आँखों में भी जा सकता है, इसलिए वे द्रव्य के रूप में ही भोजन लेते है।
- सन् 1966 ईसवीं में अंतरिक्ष में पहली सेल्फी ‘बज एल्ड्रिन’ द्वारा निकली गई थी, इस सेल्फ़ी की कीमत आज लगभग 6 से 7 लाख रूपये है।
- महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का मानना था कि ब्रह्मांड अचानक से स्वतः ही स्फूर्त होकर आया है। उनका सिद्धांत कितना सटीक है इसका प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
- मेग्नेटार अत्याधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रॉन तारे होते हैं।
- सौर मंडल में बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा करने में 88 दिन का समय लगाता है जबकि नेपच्युन 165 वर्ष ले लेता है।
- अत्याधिक उच्च ऊर्जा वाली कास्मिक किरणें (Ultra High Energy Cosmic Rays (UHECR)) वे ब्रह्मांडीय किरणें है जिनकी ऊर्जा कल्पना से परे है। यह ऊर्जा ए़क्सा इलेक्ट्रान वोल्ट(exa electron volt (10^18 eV) से भी अधिक होती है।
- सूर्य का प्रभामंडल सौर वातावरण का सबसे बाहरी भाग है। इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय में देखा जा सकता है।
- ब्लैक हॉल (Black Hole) का दूसरा नाम श्याम विवर है।
- क्या आपको मालूम है कि सभी राशियाँ जैसे सिंह राशि, तुला राशि, व्याघ्र, सप्तऋषि आदि यह सभी तारों के समूह है।
- तारा जन्म लेने से पहले एक पूर्व तारा की स्थिति में होता है,जहाँ पूर्व तारा अपने आस-पास की अनेक चीजों को अपनी ओर आकर्षित करके जमा करने लगती है, फिर उससे तारा जन्म लेता है।